नज़्मशाला में हम शब्दों की शक्ति का जश्न मनाते हैं। कविता, कहानी और रचनात्मक खोज की यात्रा के लिए जड़ें नज़्मशाला से ।
"किसी भी काम को शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिए – मैं ये क्यों कर रहा हूँ? इसका परिणाम क्या होगा और क्या मैं सफल होऊंगा?"
~ चाणक्य ~
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें